Artificial Intelligence क्या, क्यों और कैसे ?

Artificial Intelligence Definition:- Artificial का मतलब होता है कृत्रिम और  Intelligence का मतलब होता है बुद्धिमता। मानव शरीर में natural intelligence  होती है। अगर हम किसी मशीन को इंसान की तरह बुद्धिमान बनाना चाहे तो हमें उस में कृत्रिम रूप से intelligence डालनी होती है। किसी मशीन द्वारा  ग्रहण की हुई कृत्रिम बुद्धि को ही Artificial Intelligence कहते हैं। और इस प्रकार की मशीनों को artificial intelligence machine कहा जाता है।

Artificial Intelligence क्या है?

Artificial Intelligence को हम कृत्रिम बुद्धिमता या कृत्रिम दिमाग कहते हैं । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मशीनों के अंदर एक ऐसा Hardware और software का combination बनाया जाता है जिससे कि वह सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के अनुसार हार्डवेयर को भी एक्टिवेट कर सके। इसमें simulation के through मशीन को intelligence provide की जाती है। Artificial Intelligence में मशीनों के अंदर जो chip लगी होती है उसका कार्य मुख्यतः तीन प्रकार से मशीन को control करना है।

इसमें first step होता है learning का जिसमें मशीन को कुछ protocols या rules सिखाए जाते हैं।

Second step में मशीन के अंदर rules की सहायता से एक समझदारी विकसित की जाती है।

Third step में मशीन अपने आप ही अपनेrules को correct कर लेती है और task को complete करती है।

History of artificial intelligence

Artificial Intelligence के पिक्चर में आने से पहले रोबोट का आविष्कार हुआ । सबसे पहले robot नामक शब्द कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक छात्र द्वारा दिया गया।

1950 में Alan Turing ने Artificial Intelligence का आविष्कार किया और उसको शतरंज खेलने के लिए प्रयोग किया।

1956 में John McCarthy  द्वारा Artificial Intelligence को शाब्दिक रूप से प्रयोग किया गया।

सन 1958 में John McCarthy द्वारा ही Artificial Intelligence में प्रयोग करने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का आविष्कार किया गया।

1969 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक रोबोट को विकसित किया जो दी हुई टास्क को कंप्लीट करने में सक्षम था।

1973 में Edinburgh University  में एक रोबोट का निर्माण किया गया जिसमें कैमरा लगा हुआ था और वह उसकी सहायता से वस्तुओं को identify करने में सक्षम था।

1981 में जापान ने Artificial Intelligence के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए फिफ्थ जनरेशन नाम की योजना शुरू की।

ब्रिटेन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसके प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए “एल्वी”  नामक परियोजना की शुरुआत की।

इसके तुरंत बाद यूरोपीय संघ ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को प्रयोग करने के लिए “एस्प्रिट” नाम के कार्यक्रम की शुरुआत की।

1989 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग वाहनों में किया जाने लगा था

1990 में Aviation क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग अधिक मात्रा में होने लगा।

1997 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक शतरंज गेम बनाया गया जिसने उस समय के विश्व प्रसिद्ध शतरंज चैंपियन को हरा दिया जिसका नाम कोरी कासपरोव था।

सन 2000 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से रोबोटिक इतना विकसित किया गया कि यह दूरदराज के क्षेत्रों में जाकर रिसर्च करने के लिए सक्षम हो गया।

Characteristic of artificial intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अलग-अलग भागों में डिवाइड किया जा सकता है जिसकी कैरेक्टरिस्टिक निम्न प्रकार है

Type1

Weak A I

Weak A I को हम narrow intelligence भी कह सकते हैं इसको किसी specific task के लिए विकसित किया जाता है। जैसे कि कंप्यूटर में कुछ गेम विकसित किए जाते हैं example लूडो इत्यादि । जब हम लूडो खेल रहे होते हैं तो उससे संबंधित सभी टास्क वहां पर अपने आप intelligence के साथ उपलब्ध हो जाती हैं। परंतु लूडो के लिए डिजाइन किया हुआ सॉफ्टवेयर चैस नहीं खेल सकता। इसका सीधा सा मतलब है कि narrow intelligence एक dedicated task के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

Strong A I

Strong A I का मतलब होता है एक मजबूत बुद्धिमता को विकसित करना। इसमें मशीन को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वह इंसानों की तरह सोच सके और कार्य कर सकें। Strong A I को विकसित करने के लिए बहुत सारे weak A I के समूह का गठन किया जाता है। Strong A I में मशीन इंसान की तरह सोच सकती है और react भी कर सकती है। अभी तक कोई भी perfect मशीन डिजाइन नहीं की गई जो कि strong artificial intelligence के सभी मानक को पूरा करती हो। वैज्ञानिक इस प्रयास को पूरा करने में निरंतर लगे हुए हैं।

Type2

इस टाइप में हम A I को चार भागों में विभाजित कर सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं

Reactive machine

रिएक्टिव मशीन का उदाहरण आई बी एम द्वारा बनाया गया एक चैस प्रोग्राम है जिसको Deep Blue कहते हैं। इसने विश्व प्रसिद्ध चेस चैंपियन गैरी कैस्पेरो को हरा दिया था। Deep Blue में सिस्टम चेस बोर्ड के पीस को आईडेंटिफाई कर सकता है और उनका प्रेडिक्शन कर सकता है।  उसी के बेस पर Next Step के लिए डिसीजन ले सकता है। परंतु इसका drawback यह है कि यह है past में हुए किसी भी moment को store नहीं कर सकता और उसको previous memory के आधार पर repeat नहीं कर सकता।

Limited memory

limited memory आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सिस्टम अपने past event को स्टोर कर सकता है और उनके बेस पर रिजल्ट analysis करके एक बेहतर decision ले सकता है। लिमिटेड मेमोरी वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम का प्रयोग autonomous vehicle में किया जाने लगा है।

Theory of mind

इस प्रकार की मशीनों में एक हाइपोथेटिकल कंसेप्ट प्रयोग किया जाता है जिसमें की मशीन सामने वाले पर्सन की इच्छा और इंटेंशन को समझकर रिजेक्ट कर सकती है।

Self-awareness

जैसा कि नाम से विदित है इस प्रकार की मशीनों में सॉफ्टवेयर सिस्टम को इतना स्ट्रांग बनाया जाता है कि मशीन करंट सिनेरियो को समझ सके और उसी आधार पर घटने वाली घटना के लिए डिसीजन ले सके। इस प्रकार की टेक्नोलॉजी मे मशीन दूसरे की फीलिंग को पढ़ने में भी सक्षम होती है।

Theory of mind और self-awareness की मशीनें अभी प्रचलन में नहीं है इनके लिए वैज्ञानिक दिन प्रतिदिन नए प्रयोग कर रहे हैं।

 Artificial intelligence examples

Siri 

यह Apple का एक product है जो virtual assistants प्रोवाइड करता है । यह कुछ कार्यों को बहुत ही आसानी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से कर सकता है जैसे कि फोन कॉल करना, मैसेज करना, इंफॉर्मेशन सर्च करना, एप्लीकेशन ओपन करना, अलार्म सेट करना इत्यादि। श्री को डिजाइन करने के लिए मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग गया है।

Tesla

टेस्ला दुनिया की बेहतरीन कार कंपनियों में से एक मानी जाती है क्योंकि यह अपनी उच्च गुणवत्ता और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के लिए प्रसिद्ध है। टेस्ला कार में सेल्फ ड्राइविंग मोड जैसे फीचर दिए गए है। टेस्ला की कारें नई नई टेक्नोलॉजी को ग्रहण करके भविष्य की ओर कदम रख रखी रही है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजी का maximum numbers में प्रयोग किया जा रहा है।

Google Map

आप सभी ने गूगल मैप का नाम तो सुना ही होगा। हमें कहीं भी जाना हो तो अक्सर हम गूगल मैप की सहायता देते हैं। यह नेविगेशन के लिए एक महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है। गूगल मैप्स को विकसित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मैपिंग का प्रयोग किया गया।

Nest

यह एक स्टार्टअप है जो पूर्ण रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डील करता है। इस स्टार्टअप में एक अनोखी खोज की जिसमें की मशीन द्वारा घर में उपस्थित सदस्यों द्वारा क्रिएट किए जाने वाले इन्वायरमेंट को समझना और उसको अप्लाई करना है। यह मशीन घर के टेंपरेचर को रीड करके और उसको मोस्ट विजिबल फॉर्म में विकसित कर देती है। यह मशीन होम एनवायरमेंट को कंट्रोल करने के साथ-साथ घर में उपस्थित सभी उपकरणों में प्रयोग होने वाली ऊर्जा को एनालिसिस करके उसकी बचत करती है। जैसे कि घर में किसी के उपस्थित ना होने पर ऑटोमेटिक रूप से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करना।

Echo

यह अमेजन द्वारा बनाया गया एक शानदार प्रोडक्ट है जो मौसम के साथ साथ traffic और cricket स्कोर बता सकता है। यह इसमें पहली से उपस्थित कुछ सवालों के जवाब दे सकता है यह बुक रीड कर सकता है और भी बहुत सारी सुविधाओं से लैस है।

Application of artificial intelligence in Hindi

AI application in education

एजुकेशन के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक महत्वपूर्ण रोल प्ले कर सकता है। जैसा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से बच्चों की क्षमता को आंका जा सकता है वह उनकी रुचि को पहचाना जा सकता है। बच्चों के सब्जेक्ट इंटरेस्ट के अकॉर्डिंग ही उनको अगली कक्षाओं में स्पेशलाइजेशन की तरफ ले जाया जा सकता है। एक टीचर के लिए भी बच्चे का एनालिसिस करना आसान हो सकता है।

AI application in business

बिजनेस के क्षेत्र मेंआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जैसे कि हाईली रिपीटिंग टास्क को रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन की सहायता से डील किया जाता है। रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन में मशीन लर्निंग एल्गोरिथम का प्रयोग करके प्रोडक्ट के माध्यम से कंपनी अपने कस्टमर के साथ अच्छे रिलेशन मेंटेन कर सकती है।

AI application in finance

फाइनेंस के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने से इस में आने वाले खर्च को कम किया जा सकता है।

अगर इस क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ block chain technology को integrate किया जाए तो इसमें होने वाले खर्च में भारी कटौती की जा सकती है व security भी बहुत अधिक बढ़ जाती है।

AI application in manufacturing

आज के समय में अधिकतर इंडस्ट्रीज में maximum कार्य मशीनों द्वारा किया जा रहा है अतः ऐसे में एक बेहतर मशीन डिजाइन होना समय की जरूरत है। ज्यादातर इंडस्ट्रीज Industrial internet-of-things के ऊपर शिफ्ट हो रही हैं और अगर उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाए तो वह बेहतर product और उच्च गुणवत्ता का उत्पादन करने में सक्षम होंगे।

Advantages of Artificial intelligence in Hindi

  1. हर टेक्नोलॉजी के अपने use और miss use होते हैं। अगर हम technology को सही तरीके से प्रयोग करें तो हम उसका बहुत अच्छा फायदा उठा सकते हैं। artificial intelligence के कुछ फायदे इस प्रकार हैं।
  2. Artificial intelligence निर्मित मशीन बिना रुके बिना थके हमेशा कार्य कर सकती है।
  3. इसमें गलती होने की संभावना बहुत कम या ना के बराबर होती है।
  4. Artificial intelligence की मदद से मशीनों में कृत्रिम assistance डाला जाता है जिससे कि वह सवालों के जवाब देने के साथ साथ कार्य करने की क्षमता रखती है।
  5. आज के समय में टेक्नोलॉजी प्रयोग करने से personal information and security का issue आता है परंतु artificial intelligence को प्रयोग करने से सिक्योरिटी अधिक बढ़ जाती जाती है।
  6. Artificial intelligence की मदद से मशीनों और मानव के बीच में communication gap को कम किया जा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि मानव द्वारा बोली जाने वाली अलग-अलग भाषाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मशीनी भाषा में परिवर्तित करके उसको कार्य करने के लिए तैयार किया जाता है।

Disadvantage of Artificial Intelligence in Hindi

  1. जैसा कि हमने ऊपर भी बताया है कि हर तकनीकी के अपने गुण व अवगुण होते हैं और यह सब तकनीकी के इस्तेमाल पर निर्भर करता है। दैनिक जीवन में artificial intelligence तकनीकी के कुछ नुकसान निम्न प्रकार..
  2. Artificial intelligence तकनीक में एक complex computer structure की जरूरत होती है जिसकी वजह से यह अधिक कीमती होती है।
  3. Artificial intelligence मशीन मे ऊर्जा की खपत अधिक होती है।
  4. Artificial intelligence मशीन की स्ट्रक्चर बहुत कॉन्प्लेक्स होती है इसलिए इसके डिजाइन वह रखरखाव पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ता है।
  5. इंसानी जीवन में मशीनों के अधिक प्रचलन से इंसान की शारीरिक क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगे हैं।

Conclusion

Artificial Intelligence मशीन मानव द्वारा बनाई गई एक मशीन है जो कृत्रिम दिमाग का प्रयोग करती है। भविष्य में दिन-प्रतिदिनआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में बढ़ेगा। यहां पर एक स्वाभाविक सा प्रश्न पैदा होता है कि क्या भविष्य में मशीनें इंसान को कंट्रोल करने लगेगी या इंसान के ऊपर हावी हो जाएंगी।

इसका उत्तर अगर मैं आसान भाषा में अपने अनुभव से दूँ तो यह कभी नहीं होगा। मनुष्य मशीनों का जनक माना जाता है अतः कोई भी मशीन मानव intelligence को फेल नहीं कर सकती। इस संबंध में मैं आपकी राय जानना चाहता हूं। कृपया अपनी राय नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में लिखें।

 

 

 

 

 

 

 

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