Defining IoT in Hindi :- Internet of Things एक Technology है जिसके माध्यम से विभिन्न Devices को Internet से Connect किया जाता है। दिन प्रतिदिन इंसान की जिंदगी बहुत बिजी होती जा रही है ऐसे में बहुत सारी टास्क को कंट्रोल करने के लिए हमें स्मार्ट डिवाइस की आवश्यकता होती है जो हमारे दैनिक जीवन की ज्यादातर जरूरतों को Smart तरीके से हैंडल कर सकती है।
इस प्रकार की टेक्नोलॉजी में एक डिवाइस होती है जिसमें Controller लगा हुआ होता है वह कंट्रोलर Raw data को कलेक्ट कर व उसको प्रोसेस करके Internet के माध्यम से Server, Mobile या किसी अन्य दूसरी डिवाइस के पास भेजता है। इसके विपरीत दूसरी ओर हम किसी डिवाइस जैसे कि होम अप्लायंसेज को अपने मोबाइल से भी कंट्रोल कर सकते हैं वह भी इंटरनेट के द्वारा और पूरी दुनिया में कहीं से भी।
इस लेख में हम आपको Internet of Things के बारे में विस्तृत से जानकारी देने जा रहे हैं जो निम्न प्रकार है
Table of Contents
Internet of Things definitions (What is IoT)?
Internet of Things एक टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से दो या दो से अधिक डिवाइस को आपस में इंटरनेट के द्वारा जोड़ा जाता है इस टेक्नोलॉजी में सेंसर मुख्य भूमिका निभाता है अलग-अलग प्रकार के सेंसर अलग-अलग प्रकार की से डाटा कलेक्ट करने में सक्षम होते हैं। वह कलेक्ट किए हुए डाटा को हार्डवेयर डिवाइस या बोर्ड जिसमें एक कंट्रोलर होता है उसको प्रोवाइड कर देते हैं। कट्रोलर द्वारा उस डाटा को प्रोसीड किया जाता है और फिर उसको इंटरनेट या S.M.S. द्वारा दूसरी डिवाइस के पास भेज दिया जाता है। Information को रिसीव करने वाली डिवाइस कंप्यूटर वह मोबाइल या अन्य भी हो सकती हैं।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स हमारे जीवन में दिन-प्रतिदिन घुसता जा रहा है या यूं कहें की internet-of-things की वजह से और इस में प्रयोग होने वाले उपकरणों की सहायता से हम अपने जीवन को बहुत आसान बना रहे हैं । इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से हम किसी भी डिवाइस को दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर कंट्रोल कर सकते हैं । इंटरनेट ऑफ थिंग्स शिक्षा, चिकित्सा, कृषि व्यापार व अन्य बहुत सारे क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहा है I IoT में प्रयोग होने वाले उपकरणों की संख्या हर साल दोगुनी रफ्तार से बढ़ रही है आने वाले समय में और भी बहुत सारे क्षेत्रों में IoT का प्रयोग बहुयात में होने जा रहा है।
उदाहरण के तौर पर एक किसान अब अपने घर में बैठ कर भी अपने खेत में उपलब्ध ट्यूबवेल को ऑपरेट कर सकता है। कोई व्यक्ति अपने ऑफिस में कार्य करते हुए भी अपने घर के सभी उपकरणों को ऑन व ऑफ कर सकता है। कोई व्यक्ति सफर में निकलने से पहले ट्रैफिक की जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकता है इत्यादि।
Internet of Things की शुरुआत कब हुई(History of IoT)?
Internet of Things की शुरुआत 1982 में Carnegie Mellon University से हो गई थी। University की कैंटीन में रखी हुई कोल्ड ड्रिंक की बोतल की पहचान ठंडे व गर्म के रूप में करनी थी। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने कुछ डिवाइस को आपस में Embedded करके एक उपकरण बनाया जो मशीन में रखी हुई बोतलों के बारे में उनके ठंडे या गर्म होने के साथ ही स्टॉक की जानकारी भी प्रदान कराता था।
परंतु वास्तव में इस टेक्नोलॉजी के जनक Kevin Ashton माने जाते हैं जो कि एक मेडिकल कंपनी प्रोक्टर एंड गैंबल में कार्य करते थे। उन्होंने ही सबसे पहले इंटरनेट ऑफ थिंग्स शब्द का प्रयोग 1999 में किया। शुरुआत में उन्होंने नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए आर एफ़ आई डी टेक्नोलॉजी का सुझाव दिया था जो बाद में इंप्रूव होते होते आज हाई स्पीड डाटा नेटवर्क पर शिफ्ट हो गई है।
उसके बाद फिर रिसर्चर और वैज्ञानिकों ने इस टेक्नोलॉजी के बारे में गंभीरता से सोचना शुरू किया और इसमें बहुत सारे इंप्रूवमेंट होने के बाद आज यह टेक्नोलॉजी आम इंसान की जिंदगी में प्रवेश कर गई है। आगे आने वाले भविष्य में इसकी एप्लीकेशन में बहुत बड़ी संख्या में इजाफा होने वाला है।
IoT के लक्षण (Characteristics of IoT in Hindi)
अगर हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स के वर्किंग प्रिंसिपल की बात करें तो हम इसे मुख्यत: 5 भागों में डिवाइड कर सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं
Sensors
सेंसर अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिनका प्रयोग एप्लीकेशन के अनुसार किया जाता है। जैसे कि अगर हमें मिट्टी की नमी का पता करना है तो इसके लिए हम Humidity सेंसर का प्रयोग करते हैं। अगर हमें वातावरण के टेंपरेचर का पता करना है तो इसके लिए हम टेंपरेचर सेंसर का प्रयोग करते हैं। अगर हमें किसी वस्तु या प्राणी की गतिविधि का पता लगाना है तो उसके लिए हम Motion सेंसर का प्रयोग करते हैं। अगर हमें वायु में उपस्थित प्रदूषण का पता लगाना है तो उसके लिए हम एयर पोलूशन सेंसर का प्रयोग करते हैं। इसी प्रकार बहुत सारे अन्य sensors उपलब्ध होते हैं जैसे कि फायर सेंसर, वॉटर सेंसर, प्रॉक्सिमिटी सेंसर इत्यादि।
सेंसर का मुख्य कार्य अपने प्रयोग होने वाले स्थान से Physical डाटा का कलेक्शन होता है। यह प्राप्त फिजिकल डाटा को इलेक्ट्रिकल सिग्नल में कन्वर्ट करके उसको कंट्रोलर यार डिवाइस को भेजता है।
Hardware Device and Controller
यह एक पूरी यूनिट होती है जिसमें कंट्रोलर लगा होता है। कंट्रोलर सेंसर द्वारा प्राप्त डाटा को प्रोसेस करता है व इसको इंफॉर्मेशन में कन्वर्ट करता है। और इसको Transmit करने के लिए Ready भी करता है।
Transmeter
ट्रांसमीटर का कार्य डिवाइस से प्राप्त इंफॉर्मेशन को ट्रांसमिट करना होता है।
इंफॉर्मेशन को ट्रांसमिट करने के लिए अलग-अलग नेटवर्क प्रोटोकोल यूज किए जाते हैं जैसे कि इंफॉर्मेशन इंटरनेट के द्वारा भी ट्रांसमिट की जा सकती है कॉल के द्वारा भी ट्रांसमिट की जा सकती है और s.m.s. द्वारा भी
Receiver
रिसीवर का मुख्य कार्य ट्रांसमीटर से आने वाली इंफॉर्मेशन को रिसीव करना होता है।
रिसीवर इंफॉर्मेशन को रिसीव करने के बाद डिस्प्ले डिवाइस व अन्य प्रयोग होने वाली डिवाइस को उपलब्ध कराता है।
Display Device
डिवाइस का कार्य रिसीवर से प्राप्त इंफॉर्मेशन को यूजर को दिखाना होता है। डिस्प्ले डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य भी हो सकती है।
इस प्रकार सेंसर द्वारा प्राप्त फिजिकल डाटा को दुनिया के किसी भी कोने में नेटवर्क के माध्यम से यूजर को उपलब्ध कराया जा सकता है जिससे कि वह डाटा को एनालिसिस और कंट्रोल कर सकता है।
Architecture of IoT
यह टेक्नोलॉजी Bi Lateral सिद्धांत पर कार्य करती है। इसका मतलब यह होता है कि जैसे ही यूज़र सेंसर द्वारा प्राप्त इंफॉर्मेशन को देखता व समझता है। वह उसको अपने डिवाइस के थ्रू कंट्रोल भी कर सकता है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि डाटा यूजर के मोबाइल व लैपटॉप से ट्रांसमीटर के थ्रू डिवाइस के रिसीवर पर पहुंचता है और रिसीवर से कंट्रोलर के पास जाता है और फिर कंट्रोलर एक्चुएटर की सहायता से वहां उपस्थित उपकरणों या यंत्रों को कंट्रोल करता है।
Examples of IoT in Hindi
निम्नलिखित उदाहरण IoT को Represent करते हैं जैसे कि face recognition करके घर का मुख्य दरवाजा खोलना। मोबाइल फोन की सहायता से घर के उपकरणों को कंट्रोल करना। घर बैठे किसान द्वारा खेत में उपस्थित ट्यूबवेल को कंट्रोल करना। ऑफिस में बैठे हुए व्यक्ति द्वारा अपनी कार की लोकेशन का पता लगाना इत्यादि
Application of IoT
Smart Home
हर किसी व्यक्ति का सपना होता है कि उसके पास एक Smart Home हो । Smart Home का मतलब उस घर से होता है जहां पर उपस्थित सभी उपकरण इंटरनेट से जुड़े होते हैं और वह ऑटोमेटिक या फिर मोबाइल की सहायता से कंट्रोल किए जाते हैं। जैसे किघर का दरवाजा खोलना, घर का टेंपरेचर कंट्रोल होना, घर की लाइट कंट्रोल होना, मोबाइल फोन द्वारा एसी, कूलर, पंखा ट्यूबलाइट आदि को ऑपरेट करना। घर में किसी के ना रहने पर सभी लाइट, एसी, कूलर, पंखा का बंद हो जाना।
Smart city
Smart city में रहना बहुत सारे व्यक्तियों के लिए एक कल्पना मात्र होती है। परंतु आज के परिवेश में स्मार्ट सिटी की संख्या मैं दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। स्मार्ट सिटी में रहने वालों को बिजली, पानी, ट्रैफिक, पोलूशन, क्राइम इत्यादि समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। इनको मॉनिटर और कंट्रोल करने के लिए एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स बेस्ट डिवाइस प्रयोग की जाती है। स्मार्ट सिटी में आप अपनी किसी भी समस्या को इंटरनेट के माध्यम से उपयुक्त विभाग को भेज सकते हो। जो आपको घर बैठे ही उसका समाधान उपलब्ध कराते हैं। स्मार्ट सिटी में आपको पार्किंग की समस्या भी नहीं होती। आपके आसपास वाले Parking slots आपके मोबाइल पर उपलब्ध हो जाते हैं। इस तरह प्रयोग आने वाली उपलब्धियों के साथ स्मार्ट सिटी का निर्माण होता है।
Smart Industry
Smart Industry में भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स का प्रयोग बहुत प्रचलन में है और वहां पर इसे एक अलग नाम दिया जाता है Industrial Internet of things (IIoT)।
(Industrial Internet of Things) IIoT Kya Hain
IIoT में सभी मशीनरी सेंसर से इंटरनेट के थ्रू कनेक्टेड होती हैं। इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ थिंग्स में फैक्चरिंग यूनिट से लेकर उपकरणों की बिक्री तक सभी इंटरनेट द्वारा एक दूसरे से कनेक्टेड होती हैं। जिसके द्वारा प्रोडक्शन से लेकर Sail तक अन्य गतिविधियों को आसानी से एनालाइज किया जा सकता है व कंट्रोल किया जा सकता है।
Smart Agriculture
आज के समय में कृषि विभाग में IoT का प्रयोग ना के बराबर है परंतु भविष्य में किसान IoT का प्रयोग करके बहुत अच्छा फायदा उठा सकते हैं। जैसे कि किसान भाई घर बैठे ही मिट्टी की नमी का पता लगा सकते हैं , पेड़ पौधों की Growth का पता लगा सकते हैं, उन में लगने वाले रोगो का पता लगा सकते हैं इत्यादि। अगर इसको और एडवांस लेवल पर ले जाए तो किसान दूर बैठकर भी अपने पौधों पर दवाई का स्प्रे कर सकता है उनकी निगरानी रख सकता है। घर बैठकर ही वह अपने ट्यूबवेल को मोबाइल द्वारा ऑपरेट कर सकता है।
Smart Hospital
Smart Hospital भी व्यक्ति के स्वास्थ्य की देखभाल रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। जैसे किअगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है तो वह हॉस्पिटल को तुरंत ही फोन कर सकता है। और जब तक वह हॉस्पिटल जाए तब तक डॉक्टर उसका ऑनलाइन उपलब्ध पुराना रिकॉर्ड देखकर उसकी बीमारी के बारे में एक आईडिया लगा सकते हैं। ईस प्रकार डॉक्टर मरीज को समय पर अच्छा Treatment दे सकते हैं।
Smart Car
Smart Car कंसेप्ट में व्हीकल स्वयं का संचालन करने के साथ-साथ रखरखाव व वाहन के अंदर उपलब्ध सभी गैजेट को अपने आप कंट्रोल कर लेता है। इस कंसेप्ट में यह कार की स्पीड, दरवाजों, लाइट्स और अन्य गतिविधियों को ऑटोमेटिक रूप से कंट्रोल कर सकता है।
Smart Wearable Devices
स्मार्ट वियरेबल डिवाइस में वह सभी उपकरण आते हैं जिनको हम पहन सकते हैं। जैसे कि स्मार्ट क्लॉथ, स्मार्ट वॉच, स्मार्ट शूज, स्मार्ट बैंड, स्मार्ट ईयररिंग, इत्यादि। यह सभी उपकरण मोबाइल फोन से कनेक्टेड होते हैं।
Advantage of IoT in hindi (IoT के फायदे )
- Industrial Internet of things की सहायता से इंडस्ट्री में होने वाली गतिविधियों को देखा व कंट्रोल किया जा सकता है।
- इंटरनेट प्रयोग करने से यंत्रों की Efficiency बढ़ जाती है।
- Internet of things के इस्तेमाल से चीजों को आसानी से देखा व नियंत्रित किया जा सकता है इसलिए उनमें खर्च होने वाले धन में भी कमी आती है।
- Internet of things के इस्तेमाल से समय व संसाधनों की बचत होती है।
Demerit of IoT (IoT के नुकसान)
- Internet of things को प्रयोग करने के लिए शुरुआत में पैसे खर्च करने पड़ते हैं जिसके लिए आम इंसान तैयार नहीं होता।
- Internet of things में हर साल करोड़ों के उपकरण बनाए जाते हैं जिनमें से कुछ उपकरण प्रयोग से पहले ही आउटडेटेड व खराब हो जाते हैं। ऐसे में कंपनी व कंजूमर दोनों को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।
- जैसा कि नाम से विदित है Internet of things मे सभी वस्तुएं इंटरनेट के द्वारा कंट्रोल की जाती हैं। एसलिए उपकरणों के हैक होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
- इंसानी शरीर सुविधाओं का आदि होकर बीमारियों की तरफ अग्रसर हो जाता है।
Conclusions of IoT (निष्कर्ष)
अगर साधारण शब्दों में कहे तो Internet of things में वस्तुओं को इंटरनेट के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है। आज मानव जीवन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स की उपलब्धता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भविष्य में जैसे ही हम अपने जीवन स्तर में और सुधार लाने की कोशिश करेंगे तो हमे अपनी वस्तुओं को इंटरनेट से जोड़ना होगा।
इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके हम भविष्य में अपने Smart home, Smart city, Smart hospital, Smart car आदि सपनों को साकार करने में सक्षम होंगे।