Blockchain Technology क्या है और यह कैसे काम करती हैं ?

Blockchain Technology क्या है ?

Blockchain Technology What, Why and How :- Blockchain Technology क्या है और यह कैसे काम करती हैं इसको  समझने के लिए बहुत सारे लोग Bitcoin को स्टडी करना शुरू कर देते हैं परंतु बिटकॉन और ब्लॉकचेन दोनों एक दूसरे से रिलेटेड होते हुए भी अलग-अलग हैं। बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरंसी है और ब्लॉकचेन, बिटकॉन के अंदर प्रयोग होने वाली एक टेक्नोलॉजी है। Blockchain डिजिटल इंडस्ट्री का भविष्य है या यह कह सकते हैं कि ब्लॉकचेन एक तरह से एक बहुत ही सिक्योर टेक्नोलॉजी है जो आने वाले समय में बहुत सारी इंडस्ट्री द्वारा Adopt की जाएगी।

अभी कुछ इंडस्ट्री ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर Deep रिसर्च कर रही हैं और इसे प्रयोग करने की दिशा में काम कर रही हैं। आपको बता दें कि भारत सरकार भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रयोग करने के लिए Research and Development  सेंटर पर बहुत अधिक पैसा खर्च कर रही है नीचे दिए गए लेख में हम आपको Blockchain Technology से जुड़ी सभी बातें और सभी Terminology आसान भाषा में समझाने जा रहे हैं जो निम्न प्रकार हैं

Table of Contents

What is Blockchain Technology in Hindi (Blockchain Technology क्या है?)

साधारण भाषा में कहें तो Blockchain Technology वह टेक्नोलॉजी है जिसमें किसी भी कार्य को Digital रूप में बनाकर उसको संरक्षित (store) किया जाता है। यह एक तरह से डिजिटल लेजर होता है । इसमें किसी भी कार्य के लेनदेन की संपूर्ण जानकारी स्टोर रहती है। जब भी कोई नया लेनदेन होता है तो कंप्यूटर में एक नया Block जुड़ जाता है और कंप्यूटर में ऐड होने वाले ब्लॉक को बाकी कंप्यूटर द्वारा भी ऑथराइज किया जाता है। जैसे ही 50% से ज्यादा कनेक्टेड कंप्यूटर उस ब्लॉक को ऑथराइज कर देते हैं तो वह ब्लॉक मान्य हो जाता है। इस प्रोसेस को हम proof of work कहते हैं।

साधारण भाषा में इसको समझने के लिए हम एक example लेते हैं जैसे कि आप अपने चेक द्वारा बैंक से पैसे निकालने जाते हो तो क्लार्क आपको तुरंत पैसे निकालकर नहीं देता वह उसको ऑथराइज करने के लिए मैनेजर के पास भेजता है। जैसे ही मैनेजर उसको ऑथराइज कर देता है उसके बाद क्लार्क आपको आपके अकाउंट से पैसे निकाल कर दे देता है। इसका मतलब यह हुआ कि आप जो कार्य बैंक में कराने जा रहे हैं वह किसी दूसरे बैंक कर्मचारी द्वारा भी ऑथराइज किया जाता है क्योंकि यहां सिक्योरिटी का Issue आ जाता है।

इसी तरह बैंक के अलावा बहुत सारे ऐसे सेक्टर हैं जहां पर सिक्योरिटी common issue है जैसे कि प्रॉपर्टी, इंश्योरेंस, इत्यादि । भविष्य में इन सभी जगह पर Blockchain technology बहूयात में प्रयोग की जाएगी।

इस टेक्नोलॉजी में बहुत सारे computer या Node होते हैं और सभी एक दूसरे से Internet द्वारा जुड़े हुए होते हैं। जब भी कोई नई इनफार्मेशन जनरेट होती है वह एक ब्लॉक के अंदर data के रूप में होती है और वह ब्लॉक पुराने वाले ब्लॉक के साथ अटैच हो जाता है।

प्रत्येक ब्लॉक में Hash और Information दो चीजें होती हैं। जब भी कोई नया ब्लॉक जनरेट होता है उसमें एक तो इंफॉर्मेशन होती है जो कुछ भी हो सकती है। दूसरा वह पुराने Node के hash को स्टोर कर लेता है और अपना एक नया hash रिलीज करता है। जिसको आगे जनरेट होने वाले ब्लॉक द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है। और वह भी अपना एक है hash Generate करता है इस प्रकार यह कड़ी के रूप में जुड़ती जाती है। इस प्रकार प्रत्येक ब्लॉक अपनी इंफॉर्मेशन और पिछले वाले ब्लॉक का hash स्टोर करता जाता है।

क्योंकि इस टेक्नोलॉजी में प्रत्येक ब्लॉक चैन से जुड़ा होता है इस वजह से तो इस पूरे प्रोसीजर को Blockchain Technology कहा जाता है।

Blockchain Technology को किसने Invent किया है?

Blockchain Technology को Stuart Haber और उसके मित्र W. Scott Stornetta द्वारा 1991 में बनाया गया था। यह दोनों ही मैथमेटिशियन थे । उसके बाद में फिर एक जापानी द्वारा जिसका नाम Satoshi Nakamota  था ने इस तकनीक पर कुछ बदलाव किए और इसकी सुरक्षा को और भी बढ़ा दिया गया। यह सब करने के बाद फिर यह टेक्नोलॉजी दुनिया के सामने 2008 में पहली बार Introduce हुई और इसके अगले साल ही 2009 में Satoshi Nakamota द्वारा एक Crypto currency  का आविष्कार किया गया जो इसी टेक्नोलॉजी पर बेस्ट थी और जिसका नाम Bitcoin था।

Blockchain Technology के security feature क्या है?

अगर हम लोग Blockchain Technology की सिक्योरिटी की बात करें तो यह अन्य किसी भी तकनीकी के मुकाबले बहुत अधिक सुरक्षित है। क्योंकि यह एक Decentralized Structure पर काम करती है इसलिए किसी भी काम को पूरा करने के लिए नेटवर्क पर उपस्थित सभी Node को एग्री होना पड़ता है। जैसे ही सभी Node या कंप्यूटर Agree हो जाते हैं तो उस ट्रांजैक्शन को वैलिड ट्रांजैक्शन कहा जाता है।

यह तकनीक बहुत ही ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इंफॉर्मेशन सभी कंप्यूटर में सेव होती है। इसलिए हैकर केवल एक या दो कंप्यूटर के हैक करने के बारे में ही सोच सकता है। दुनिया भर में फैले लाखों कंप्यूटर वह भी अलग-अलग लोकेशन पर इन सब को हैक करने के बारे में Hacker नहीं सोच सकता। क्योंकि इन सब की लोकेशन, डिस्टेंस नेटवर्क और सभी चीजें अलग-अलग हैं इसलिए इनको हैक करना संभव नहीं है।

Blockchain और Bitcoin में क्या अंतर है?

Bitcoin एक Cryptocurrency है या यूं कहें कि यह एक डिजिटल करेंसी है। सामान्य जीवन में जिस प्रकार वस्तुओं का लेनदेन करने के लिए फिजिकली करेंसी की जरूरत होती है उसी प्रकार  डिजिटल वर्ल्ड में यह भी एक प्रकार से पैसों का लेन देन है। परंतु यह फिजिकली available नहीं होता। इस क्रिप्टोकरंसी में जो भी लेनदेन होता है व इस लेनदेन में जो भी सुरक्षा प्रयोग की जाती है उसमे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरंसी में मुख्यतः Blockchain टेक्नोलॉजी का ही प्रयोग किया जाता है।

ब्लॉकचेन कोई Crypto currency नहीं है यह एक प्रकार की टेक्नोलॉजी है जो बहुत सारे क्षेत्रों में प्रयोग की जाती है बिटकॉन तो मात्र उसका एक उदाहरण है।

जैसे ही ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का अविष्कार हुआ पहली बार इसका प्रयोग Bitcoin Crypto currency में किया गया इसलिए सामान्य लोग बिटकॉन और ब्लॉकचेन दोनों को मिलाकर देखते हैं। निश्चित रूप से ब्लॉक चैन बिटकॉन Crypto currency की वजह से प्रसिद्ध हुई। यह उसी प्रकार है जिस प्रकार आज से 30 या 40 वर्ष पूर्व जब लोग टूथपेस्ट खरीदते थे तो वह दुकानदार से टूथ पेस्ट ना मांग कर केवल कोलगेट मांगते थे। उस समय टूथपेस्ट का मतलब केवल कोलगेट होता था जबकि आज ऐसा नहीं है।

Blockchain में कौन सी Technology प्रयोग होती है

Private key Cryptography

Peer to peer Network

Programming Protocols

Public और Private Blockchain में क्या अंतर है?

Public blockchain :-

यह कंप्यूटर की एक Decentralized structure होती है इसमें कोई भी कंप्यूटर internet द्वारा कहीं से भी ऐड हो सकता है। वह भी पहले से मौजूद नेटवर्क का हिस्सा बन सकता है। वह उस नेटवर्क पर होने वाली सभी गतिविधियों को रीड कर सकता है और उनको एनालिसिस कर सकता है। वह किसी भी ट्रांजैक्शन का हिस्सा बन सकता है।

इस प्रकार के ब्लॉक चैन नेटवर्क में किसी एक कंप्यूटर का कंट्रोल नहीं रहता और एक बार डाटा वैलिडेट होने के बाद फिर उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।  वह सभी कंप्यूटर पर ऑथराइज डाटा की तरह सेव हो जाता है। Public blockchain का सबसे बड़ा उदाहरण क्रिप्टोकरंसी है जैसे कि बिटकॉइन, एथेरियम इत्यादि।  इस प्रकार के नेटवर्क को बहुत ही सुरक्षित ब्लॉकचैन नेटवर्क माना जाता है।

Private Blockchain:-

यह एक सेंट्रलाइज स्ट्रक्चर होती है और इसमें जुड़ने वाले कंप्यूटर को कुछ अधिकार दिए हुए होते हैं यह किसी संस्था द्वारा भी बनाया जा सकता है। इसमें जुड़ने वाले प्रत्येक कंप्यूटर के पासअलग-अलग तरह की Permission और Restriction होती है। इस प्रकार की स्ट्रक्चर में किसी नए Node  को जोड़ने के लिए पहले से उपस्थित Node से परमिशन लेनी पड़ती है। उसके बाद ही वह इस नेटवर्क का हिस्सा बन पाता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण रिप्पल और हाइपरलेजर है। Private Blockchain तकनीक को Public blockchain तकनीक के अपेक्षा कम सुरक्षित माना जाता है।

Blockchain के Application क्या-क्या हैं?

सर्विस इंडस्ट्री:-

इस तकनीक की सहायता से सर्विस इंडस्ट्री को बहुत बड़ा फायदा होगा। जो भी इंडस्ट्रीज कॉन्ट्रैक्ट पर निर्भर करती हैं और बाद में उस कॉन्ट्रैक्ट को लेकर बहुत सारे डिस्प्यूट होते हैं। जैसे कि कॉन्ट्रैक्ट का बदल देना, कॉन्ट्रैक्ट में छेड़छाड़ करना या फिर कॉन्ट्रैक्ट को ना मानना। इस तकनीकी के अप्लाई होने के बाद यह कंजूमर और इंडस्ट्री दोनों के लिए किसी भी डिस्प्यूट को खत्म करने का काम करेगा।

सप्लाई चैन मैनेजमेंट:-

इस इंडस्ट्री में बहुत सारी जगह पर इरेगुलेरिटी होने की वजह से इंडस्ट्री को बहुत ज्यादा लॉस होता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के बाद इस इंडस्ट्री में प्रत्येक स्तर पर जवाबदेही निश्चित की जा सकती है और इसमें उत्पन्न ड्रॉ बैक को दूर किया जा सकता है।

पेमेंट सिक्योरिटी:-

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की हेल्प से किसी भी पेमेंट को कई गुना ज्यादा सिक्योर किया जा सकता है। इसमें थर्ड पार्टी या इंटरमीडिएट की जरूरत को समाप्त किया जा सकता है। जिससे कि पेमेंट प्रोसेसिंग में आने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता है।

पर्सनल सिक्योरिटी :-

किसी भी देश की गवर्नमेंट के लिए अपने नागरिकों की पर्सनल इंफॉर्मेशन को सिक्योर रखना एक बहुत बड़ा टास्क होता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की हेल्प से कोई भी गवर्नमेंट अपने नागरिकों की सिक्योरिटी को सुनिश्चित कर सकती है। प्रत्येक नागरिक के पास बहुत सारा पर्सनल डाटा उपलब्ध रहता है जैसे कि बर्थ सर्टिफिकेट, मैरिज सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एजुकेशनल सर्टिफिकेट इत्यादि। इन सभी की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो आए दिन सुर्खियों में छाया रहता है। अतः इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के बाद आम नागरिक की पर्सनल सिक्योरिटी बढ़ जाती है।

पर्सनल ऐसेट:-

किसी व्यक्ति के पास बहुत प्रकार की ऐसेट हो सकती है जैसे कि प्रॉपर्टी, गाड़ी, बुक्स की रॉयल्टी इत्यादि। यहा पर पर्सनल एसेट को सिक्योर करने के लिए व असली और नकली का आईडेंटिफाई करने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा सकता है।

Blockchain के Benefit क्या-क्या हैं?

Blockchain Technology से Online Fraud में कमी आएगी

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में ब्लॉक्स की एक पूरी चयन होती है और डाटा इस चैन के अंदर ही अलग-अलग ब्लॉक में सेव किया जाता है।  डाटा को सेव करते समय इसे प्रत्येक नोड से सत्यापित किया जाता किया जाता है। जिसे proof of work कहते हैं। इस सब की वजह से साइबर अटैक की संभावना बहुत कम या ना के बराबर हो जाती है। और किसी भी कस्टमर की पर्सनल इंफॉर्मेशन को चुराना लगभग नामुमकिन हो जाता है। इसमें किसी थर्ड पार्टी या फिर किसी बीचोलिये का हस्तक्षेप भी नहीं होता।

 Block chain Technology से बैंकिंग सिस्टम की efficiency बढ़ेगी

इस टेक्नोलॉजी के बैंकिंग सिस्टम में लागू होने से बैंकों की कार्यकुशलता में अपार वृद्धि हो सकती है। इसमें एक सिस्टम दूसरे सिस्टम से बिना किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के डायरेक्ट इंटरेक्शन कर सकते हैं। इसमें मानव द्वारा ऑडिट करने का खर्च भी बचाया जा सकता है क्योंकि सभी लेनदेन पर इस कार्यप्रणाली की नजर रहती है। इस प्रकार इस सिस्टम पर नजर रखने के लिए जो अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता होती है उसको काफी हद तक कम किया जा सकता है। जिससे बैंक के कुल खर्चों में भी कमी आएगी।

Blockchain Technology से डाटा सिक्योरिटी बडेगी

इस तकनीक के क्रिया में होने से ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा बढ़ जाएगी और इंटरनेट की दुनिया में फिशिंग, हैकिंग, साइबर अपराध जैसी चुनौतियों से दिन प्रतिदिन जूजने वाली अलग-अलग कंपनियों को काफी हद तक निजात मिल जाएगी । ग्राहक की बहुत सारे पर्सनल दस्तावेज जो बहुत ही गोपनीय होते हैं उसकी सुरक्षा के लिए सरकार और कंपनियां हरदम चिंतित रहती हैं। इस टेक्नोलॉजी के आने से ग्राहक की पर्सनल डाटा को चुराना लगभग नामुमकिन हो जाएगा और कस्टमर भी अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन को लेकर अधिक सुरक्षित महसूस करेगा।

इस सिस्टम में डिसेंट्रलाइज स्ट्रक्चर होने से ब्लॉक चयन आधारित एसएसएल प्रमाण पत्रों के माध्यम से पक्षों की आम सहमति प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ब्लॉकचेन में पूरे डाटा को सभी नेटवर्क में रिकॉर्ड किया जाएगा और एक नेटवर्क के पिछले ब्लॉक को ओवरराइट नहीं किया जा सकता। इस प्रकार सुरक्षा का उल्लंघन करने के लिए और एक अकेले लेनदेन का डाटा चुराने के लिए ब्लॉक के कर्म को फिर से सेट करना पड़ेगा। जिससे  इसका उल्लंघन करना लगभग असंभव हो जाता है।

Digital Product सर्विस

ब्लॉक जैन टेक्नोलॉजी फाइनेंस सिस्टम के अलावा और बहुत सारी जगह पर बखूबी इस्तेमाल की जा सकती है जैसे कि इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट, प्रॉपर्टी इत्यादि। इस टेक्नोलॉजी से ना केवल विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध डेटा की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि प्रोसेसिंग में आने वाली लागत और समय में भी बचत होगी।

Blockchain के Disadvantage क्या हैं?

More पावर कंजप्शन

क्योंकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक डिसेंट्रलाइज स्ट्रक्चर पर काम करता है। तो उसमें कोई भी कार्य करने के लिए सभी कंप्यूटर की आवश्यकता होती है या फिर बहुत सारे कंप्यूटर को उसे अप्रूव करना होता है। इसलिए इसमें बहुत ज्यादा पावर की आवश्यकता होती है जो कि एक तरह से एक डिसएडवांटेज हैं।

Key सिक्योरिटी

यह एक तरह से एक प्रकार का एक पासवर्ड होता है अगर आपने इसे खो दिया तो फिर इसे पुनः प्राप्त करना असंभव हो जाता है। अगर यह पासवर्ड किसी और के हाथ लग गया तो वह आपके पूरे सिस्टम का कंट्रोल अपने हाथ में ले लेता है और आप को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में Key सिक्योरिटी एक महत्वपूर्ण फीचर है।

लेन-देन करने में स्पीड की भूमिका

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में ट्रांजैक्शन स्पीड एक बहुत बड़ी समस्या है। इसमें ज्यादातर काम डिसेंट्रलाइज स्ट्रक्चर में होता है या Distributed नेटवर्क पर होता है इसलिए वर्क को प्रूफ करते समय ट्रांजैक्शन स्पीड बहुत मैटर करती है।

Blockchain Technology में Big Challenge क्या है?

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है और इसकाअन्य तकनीकी के मुकाबले फायदा भी बहुत ज्यादा है। परंतु इस टेक्नोलॉजी को ग्रहण करना व इसका अनुपालन करना और इससे संबंधित नियम बनाना यह किसी कंपनी या फिर गवर्नमेंट के लिए एक बड़ी चुनौती है । क्योंकि सभी कंपनियां और गवर्नमेंट पुराने स्ट्रक्चर पर काम कर रही हैं और वह इसके लिए बहुत ज्यादा Habitual है। तो इस प्रकार नए सिस्टम को लागू करने के लिए पूरे सिस्टम में परिवर्तन करना एक बहुत बडा Challenge होता हैं।

Blockchain Technology का Future क्या है?

अगर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के भविष्य की बात करेंतो यह सर्विस क्षेत्र के प्रत्येक भाग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। परंतु अगर समय की बात की जाए तो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाने में अभी काफी समय लगेगा क्योंकि इसके लिए नीचे से लेकर ऊपर तक सभी सिस्टम को तैयार करना होगा। इसके लिए प्राइवेट, गवर्नमेंट और पर्सनल सभी चीजों का पूरी तरह से तैयार होना जरूरी है। दूसरी बात इस टेक्नोलॉजी को अपनाने में पुराने टेक्नोलॉजी को चुनौती देना है। लोग पुरानी टेक्नोलॉजी के Habitual हो चुके होते हैं तो उन्हें नई टेक्नोलॉजी को अपनाने में बहुत समस्या आती है। जिस वजह से नई टेक्नोलॉजी बाजार में अपना स्थान ग्रहण करने में कुछ समय लगा देती हैं।

निष्कर्ष (conclusion)

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक नई टेक्नोलॉजी है जिसके लिए बाजार अभी पूरी तरह से खुला हुआ है। यह भविष्य में मानव जीवन से जुड़े बहुत सारे विभागों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जैसे कि बैंकिंग सेक्टर, फाइनेंस सेक्टर, इंश्योरेंस सेक्टर और सर्विस सेक्टर इत्यादि। भविष्य में इस टेक्नोलॉजी को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान मिलने की संभावना है। क्योंकि आज के समय में डेटा सुरक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है जिसको लेकर आए दिन न्यूज़ पेपर और मीडिया में चर्चा होती रहती है। डेटा का चोरी होना आम बात हो गई है।

पर्सनल डाटा की सुरक्षा को लेकर हर व्यक्ति, ऑर्गनाइजेशन और सरकार भी चिंतित है। परंतु अच्छी बात यह है की डेटा की सुरक्षा के लिए यह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी भविष्य में बहुत बड़ा रोल अदा करेगी।  इसलिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर इस फील्ड में काफी काम कर रहे हैं। इस तकनीकी में एक बड़ी समस्या इसके क्रियावन है जो कि काफी जटिल माना जाता है। अतः अगर उस पर और अधिक रिसर्च की जाए तो भविष्य में इसे बहुत आसान और बेहतर बनाया जा सकता है।

 

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